Old Pension Scheme: सिर्फ पेंशन नहीं, ₹9,242 करोड़ की लड़ाई शुरू! जानिए हिमाचल-केंद्र की जंग की कहानी

हिमाचल प्रदेश की सरकार ने Old Pension Scheme (OPS) को बहाल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिससे राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों को राहत मिली है। हालांकि, इस निर्णय के बाद राज्य और केंद्र सरकार के बीच ₹9,242 करोड़ की राशि को लेकर टकराव शुरू हो गया है।

हिमाचल सरकार का बड़ा ऐलान: Old Pension Scheme

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने चुनावी वादे को निभाते हुए Old Pension Scheme (OPS) को बहाल किया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि अब तक 1,17,521 कर्मचारियों ने OPS को अपनाया है, जबकि 1,356 कर्मचारी NPS में बने हुए हैं।

₹9,242 करोड़ की वापसी की मांग

राज्य सरकार ने केंद्र से मांग की है कि NPS के तहत जमा ₹9,242 करोड़ की राशि को वापस किया जाए, जिसमें राज्य और कर्मचारियों का 50-50% योगदान है। यह राशि केंद्र द्वारा बॉन्ड्स में निवेशित है, जिससे OPS के तहत पेंशन वितरण में बाधा आ रही है।

केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और वित्तीय चुनौतियाँ

केंद्र सरकार ने न केवल ₹9,242 करोड़ की राशि रोकी है, बल्कि हिमाचल की उधारी सीमा में ₹1,700 करोड़ की कटौती भी की है। इससे राज्य की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ा है।

कर्मचारियों के लिए राहत और प्रक्रिया

जो कर्मचारी NPS से OPS में स्थानांतरित हो रहे हैं, उन्हें केंद्र से प्राप्त राशि को राज्य को लौटाना होगा, ताकि OPS के तहत पेंशन लाभ शुरू हो सकें। HRTC के कर्मचारियों को पहले ही OPS का लाभ मिल रहा है, और अन्य बोर्डों व निगमों के कर्मचारियों के लिए भी योजना का विस्तार किया जा रहा है।

भविष्य की राह

हिमाचल सरकार का OPS की बहाली का निर्णय कर्मचारियों के लिए राहतकारी है, लेकिन केंद्र से राशि की वापसी के बिना यह पूरी तरह सफल नहीं हो सकता। राज्य सरकार केंद्र से सहयोग की अपेक्षा कर रही है, ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिल सके और वित्तीय स्थिरता बनी रहे।

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